पहलगाम में एक महत्वपूर्ण आतंकी हमले ने भारतीय संसद में तीव्र बहस को जलाया है, विपक्ष, जिसका नेतृत्व प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खर्गे कर रहे हैं, मोदी सरकार की जासूसी विफलताओं और सुरक्षा की कमियों के लिए कड़ी आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार को नागरिकों की सुरक्षा में विफल होने का आरोप लगाया और गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाबदेही की मांग की। बहस 'ऑपरेशन सिन्दूर' के चारों ओर घूमी, जिसमें भावनात्मक भाषण, गरम विनिमय और इस्तीफों की मांगें थीं, क्योंकि सरकार से पूछा गया कि सुरक्षा क्यों अपर्याप्त थी और प्रतिक्रिया में क्यों देरी हुई। सरकार ने उसके कार्यों की रक्षा की और ऐतिहासिक संदर्भ का सहारा लिया, लेकिन विपक्ष ने वर्तमान विफलताओं पर ध्यान केंद्रित करने की जिद की। यह घटना गहरी राजनीतिक विभाजनों को हाइलाइट करती है और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय सुरक्षा की तैयारियों पर तत्काल प्रश्न उठाती है।
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