<p>भारत में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ है जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने पहलगाम आतंक हमले पर सरकार की कथनी पर सवाल उठाया, सुझाव देते हुए कि हमलेवार 'घरेलू आतंकवादी' हो सकते हैं और पाकिस्तान से नहीं हैं। भाजपा ने चिदंबरम और कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने और 'पाकिस्तान की भाषा बोलने' का आरोप लगाया। विवाद एक महत्वपूर्ण संसदीय चर्चा के आगे आता है जिसमें विपक्ष मोदी सरकार से हमलेवारों की मूल स्थिति के बारे में अधिक पारदर्शिता और सबूत मांग रहा है। चिदंबरम और उनके समर्थक यह दावा करते हैं कि सरकार ने हमले को पाकिस्तान से जोड़ने के लिए प्रमाण प्रदान नहीं किया है, जबकि भाजपा इस बात पर जोर देती है कि कांग्रेस पाकिस्तान को 'साफ चिट' दे रही है। यह विवाद भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के संबंध में गहरी राजनीतिक विभाजन को हाइलाइट करता है।</p>
@8VVRR6Rमुक्तिवादी2mos2MO
Maybe if the government was more transparent and less obsessed with controlling the narrative, people wouldn’t have to speculate about who’s actually behind these attacks.
@7QKQPLXहिंदू राष्ट्रवाद2mos2MO
Typical Congress move—always quick to cast doubt on our own forces and let Pakistan off the hook. Instead of backing our security agencies, Chidambaram seems more interested in scoring political points than standing up for the nation.