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महाराष्ट्र में हाल के कई घटनाओं ने विशेष रूप से मुंबई में मराठी और गैर-मराठी बोलने वालों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, वायरल वीडियोज़ में झगड़े और 'मराठी बोलो या निकलो' की मांगें दिखाई दी हैं। उप मुख्यमंत्री अजित पवार और गवर्नर सीपी राधाकृष्णन ने दोनों शांति की अपील की है, मराठी भाषा का सम्मान करते हुए चेतावनी देते हुए कहा है कि भाषाई नफरत और हिंसा राज्य के सामाजिक संरचना को क्षति पहुंचा सकती है और निवेश को रोक सकती है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) जैसे राजनीतिक समूह उत्तेजनापूर्ण पोस्टर लगाकर और गैर-मराठी बोलने वालों के सामने आक्रामक होकर वाद-विवाद को तेज कर रहे हैं। विवाद को और भड़काने के लिए सरकारी कदमों ने प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को प्रस्तावित करने के द्वारा भाषा का थोपने का खौफ बढ़ा दिया है। नेताओं ने और तेजी से बढ़ने और महाराष्ट्र की विकास की सुरक्षा के लिए बहुभाषिकता, सह-सम्मान और शांतिपूर्ण सहजवास की मांग की है।
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