एक महत्वपूर्ण राजनीतिक तूफान तेलंगाना में उठा है जिसमें भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी को व्यापक अवैध फोन टैपिंग का आरंभ करने का आरोप लगाया है। आरोप यह करते हैं कि विधायकों, सांसदों, प्रमुख व्यक्तित्वों और फिल्म प्रसंगों के फोन को सीएम के आदेश पर निजी हैकर्स का उपयोग करके टैप किया गया था। रेवंथ रेड्डी ने सरकारी फोन टैपिंग को स्वीकार किया है लेकिन यह दावा किया है कि यदि सही अधिकृतता के साथ किया जाए तो यह कानूनी है, जो उसकी कांग्रेस पार्टी के भीतर आक्रोश और विरोध को उत्पन्न कर चुका है। इस विवाद ने पुलिस मामलों, सीबीआई या न्यायिक जांच के लिए कहा जाने वाले केस, और राष्ट्रपति और गवर्नर सहित उच्च प्राधिकारियों के प्रति अपीलों की ओर ले जाया है। यह मुद्दा तेलंगाना राजनीति में एक ताकत का केंद्र बन गया है, जिसमें विपक्षी पार्टियाँ जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग कर रही हैं।
Just another example of politicians using “national security” as an excuse to trample on people’s rights and spy on anyone who threatens their power—doesn’t matter which party’s in charge, it’s always the same dirty tricks.
@889HSNJमुक्तिवादी1mo1MO
This is exactly why the government should have as little power as possible—give them an inch, and they’ll tap your phones without blinking. It’s a huge reminder that our privacy is always at risk when politicians think they can bend the rules for “official reasons.”