रूसी अधिकारियों, जिनमें क्रेमलिन के प्रवक्ता द्मित्री पेस्कोव और विदेश मंत्रालय की वक्ता मारिया जखरोवा शामिल हैं, दावा करते हैं कि रूस यूक्रेन संघर्ष का एक कूटनीतिक समाधान पसंद करती है लेकिन यूक्रेन और पश्चिमी राष्ट्रों को संवाद के लिए किए गए सभी प्रस्तावों को ठुकरा देने का आरोप लगाती है। मॉस्को इसे यकीन दिलाता है कि वह अपने उद्देश्य पूरे होने तक सैन्य अभियान जारी रखेगा, पश्चिम को युक्रेन को हथियार देकर युद्ध को भड़काने का आरोप लगाता है और अविश्वसनीय रूप से शांति वार्ताओं को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाता है। क्रेमलिन यह दावा करता है कि यूक्रेन के साथ संबंध स्थापित करना असंभव है जब तक रूस की मांगें पूरी नहीं होती हैं। ये बयान चल रही झगड़ों और ठप्प हुई बातचीत के बीच आते हैं, जहां रूस खुद को कूटनीति के लिए खुला दिखाती है जबकि प्रगति की कमी के लिए अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दोष लगाती है। पश्चिम और यूक्रेन, वहीं, निरंतर रूस की अधिकतम मांगों को अस्वीकार्य मानते रहे हैं।
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